Home Page [hit_count] क्या जाने किस मोड़ पर….. हँसते-हँसते यूंही वक्त गुजर जाएगा, दूर हो गए फिर कौन मिल पाएगा, रह जाएँगी बस यादें, दिल तनहा हो जाएगा, दुनिया की भीड़ में हर साथी खो जाएगा। जीभर जीयो ये पल, आज हम साथ हैं कल फिर लम्बी जुदाई होगी…… क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! आप जैसे दोस्तों को हम कैसे भूल पाएँगे, ये लड़ाई, झगड़ें, दोस्ती के दिन हमेशा याद आएँगे, तन्हाई में कभी जब दिल, यादों को सहलाएगा, हमें भी कोई खोया दोस्त याद आएगा, समेट लो इन यादों को दिल में अपने दूर तक ज़िन्दगी की डगर होगी…… क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! नहीं भूल पाएँगे हम, ये फुरसत के पल, वो लैक्चर से भागना यारों के संग, वो जाकर कैंटीन में फिर टेबल बजाना, वो परीक्षाओं के दिनों में नोट्स चुराना, जब याद आया करेंगी ये बातें, होठों पर हंसी आँखों में नमी होगी…… क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! आप जैसे दोस्तों की कमी कभी पूरी नहीं होगी, दूर होकर भी दूरी नहीं होगी, शायद मिल जाए कोई बिछड़ा यार, राहों पर हर पल निगाहें होंगी, यूं तो मुसाफ़िर हैं हम, मुसाफ़िर हो तुम कहीं किसी मोड़ पर तो फिर मुलाकात होगी! क्या जाने किस मोड़ पर फिर मुलाकात होगी! क्या जाने किस मोड़ पर…… क्या जाने किस मोड़ पर……
बहुत खूब
vaah vaah