हिन्दी साहित्य का नामकरण
हिन्दी साहित्य का नामकरण
हिन्दी साहित्य के अध्ययन ने लिए विद्वानों ने इसे अलग-अलग कालखण्डों में बाँटकर अनेक नामों में विभाजित किया हैं। विद्वानों ने हिन्दी साहित्येतिहास नामकरण के लिए अनेक आधार प्रस्तुत किए हैं। डॉ. नगेन्द्र ने हिन्दी साहित्येतिहास के नामकरण और कालखण्ड के लिए निम्नलिखित आधार बताए हैं –
ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार –
आदिकाल, मध्यकाल, आधुनिककाल आदि।
शासनकाल के अनुसार –
एलिजाबेथ युग, मराठा काल आदि।
लोकनायक के प्रभाव के अनुसार –
चैतन्य काल, गाँधी युग।
साहित्यिक नेता के प्रभाव के अनुसार –
रवीन्द्र-युग, भारतेंदु युग।
घटनाओं या आंदोलनों के आधार पर –
भक्तिकाल, पुनर्जागरण काल आदि।
साहित्यिक विशेषताओं के आधार पर –
रीतिकाल, छायावाद आदि।
इसी प्रकार अलग-अलग समय और विशेषताओं के आधार पर विद्वानों ने हिन्दी साहित्येतिहास का विभाजन और नामकरण किया है। नीचे कुछ इतिहासकारों द्वारा प्रस्तुत नामकरण दिए गए हैं –
जार्ज ग्रियर्सन द्वारा अपने ग्रन्थ ‘मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिन्दुस्तान’ में हिन्दी साहित्येतिहास का नामकरण इस प्रकार प्रस्तुत किया है –
- चारण काल
- 15वीं शती का धार्मिक पुनर्जागरण
- जायसी और उनकी कविता
- ब्रज का कृष्ण सम्प्रदाय
- मुगल दरबार
- तुलसीदास
- रीतिकाल
- तुलसीदास के अन्य परवर्ती कवि
- अट्ठारवीं शताब्दी
- कम्पनी के शासन में हिन्दुस्तान
- महारानी विक्टोरिया के शासन में हिन्दुस्तान
- विविध अज्ञात कवि
मिश्रबन्धुओं द्वारा अपने ग्रन्थ ‘मिश्रबन्धु विनोद’ में किया गया नामकरण –
- आरम्भिक काल
- पूर्वारम्भिक काल
- उत्तरारम्भिक काल
- माध्यमिक काल
- पूर्व माध्यमिक काल
- प्रौढ़ माध्यमिक काल
- अलंकृत काल
- पूर्वालंकृत काल
- उत्तरालंकृत काल
- परिवर्तन काल
- वर्तमान काल
आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा प्रस्तुत नामकरण
- आदिकाल (वीरगाथा काल)
- पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल)
- उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल)
- आधुनिक काल (गद्य काल)
बाबू श्यामसुंदर दास द्वारा प्रस्तुत नामकरण
- आदियुग
- पूर्व मध्ययुग
- उत्तर मध्ययुग
- आधुनिक युग
डॉ. रामकुमार वर्मा द्वारा प्रस्तुत नामकरण
- सन्धिकाल
- चारण काल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल
- आधुनिक काल
आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र द्वारा प्रस्तुत नामकरण
- आदिकाल
- पूर्व मध्यकाल या भक्तिकाल
- उत्तर मध्यकाल या शृंगार का
- आधुनिक काल या गद्यकाल
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत नामकरण
- आदिकाल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल या प्रेममार्गी काल
- आधुनिक काल
डॉ. हरिश्चन्द्र वर्मा द्वारा प्रस्तुत नामकरण
- संक्रमण काल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल
- राष्ट्रीय जागरण काल
- आधुनिकतावादी चेतना काल
इस प्रकार अनेक विद्वानों ने हिन्दी साहित्य की विशेषताओं, समय और साहित्यकारों को आधार बनाकर हिन्दी साहित्येतिहास का नामकरण किया है।