व्यंजन संधि
व्यंजन संधि – Vaynjan Sandhi
प्रश्न – व्यंजन संधि किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर – व्यंजन का व्यंजन से, वयंजन का स्वर या स्वर का व्यंजन से मेल होने पर होने वाले परिवर्तन को व्यंजन संधि कहते हैं। व्यंजन संधि के अनेक नियम हैं। व्यंजन संधि को समझने से पहले निम्नलिखित वर्ण विभाजन को समझना अत्यावश्यक है।
स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
कवर्ग – क, ख, ग, घ, ङ
खवर्ग – च, छ, ज, झ, ञ
टवर्ग – ट, ठ, ड, ढ, ण
तवर्ग – त, थ, द, ध, न
पवर्ग – प, फ, ब, भ, म
अन्त:स्थ – य, र, ल, व
ऊष्ण – श, ष, स, ह
1. क्, च्, ट्, त्, प् के बाद किसी वर्ग का तीसरे अथवा चौथे वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह या कोई स्वर आ जाए तो क्, च्, ट्, त्, प् के स्थान पर अपने ही वर्ग का तीसरा वर्ण आ जाता है।
कुछ उदाहारण देखिए –
क् + ग = ग्ग
दिक् + गज = दिग्गज
क् + ई = गी
वाक् + ईश = वागीश
2. क्, च्, ट्, त्, प् के बाद न या म आ जाए तो क्, च्, ट्, त्, प् के स्थान पर अपने ही वर्ग का पाँचवा वर्ण आ जाता है।
कुछ उदाहारण देखिए –
क् + म = ड़्
वाक् + मय = वाड़्मय
त् + न = न्
उत् + नयन = उन्नयन
3. त् के बाद श् आ जाए तो त् को च् बन जाता है और श् का छ् बन जाता है।
उदाहारण देखिए –
त् + श् = च्छ
उत् + श्वास = उच्छ्वास
4. त् के बाद ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व या कोई स्वर आ जाए तो त् का द् हो जाता है।
कुछ उदाहारण देखिए –
त् + भ = द्भ
सत् + भावना = सद्भावना
त् + ध = द्ध
सत् + धर्म = सद्धर्म
5. त् के बाद ह् आ जाए तो त् का द् और ह् का ध् हो जाता है।
उदाहारण देखिए –
त् + ह = द्ध
उत् + हार = उद्धार
6. म् के बाद कोई स्पर्श व्यंजन आए तो म् का अनुस्वार या बाद वाले वर्ण का पाँचवा वर्ण आ जाता है।
उदाहारण देखिए –
सम् + गम = संगम
अहम् + कार = अहंकार
संधि किस प्रकार घटित होती है, यह समझने के लिए संधि पेज पर जाकर देखें।
शुक्रिया
Utna v samajh me nahi aaya sir