अन्न जल उठ जाना
अन्न जल उठ जाना का अर्थ – एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाना, मृत्यु हो जाना, जीवन समाप्त हो जाना।
अन्न जल उठ जाना का वाक्य में प्रयोग अनेक रूपों में होता है, जैसे – अन्न जल उठना, अन्न जल उठवा दिया, अन्न जल उठवादे, अन्न जल उठ जाएगा आदि।
अन्न जल उठ जाना का वाक्य में प्रयोग – 1. एक ना एक दिन इस दुनिया से सबका अन्न जल उठना है।
2. गाँव वालों के तानों और उसके हालात ने इस गाँव से उसका अन्न जल उठवा दिया।
3. भगवान की माया भगवान ही जाने कब किसका अन्न जल उठवादे।
4. इस तरह तुम अपने काम में लापरवाही करोगे तो जल्द ही इस कंपनी से तुम्हारा अन्न जल उठ जाएगा।
5. जब तक भगवान ने मेरा अन्न जल यहाँ लिखा हैं तब तक मुझे यहाँ से कोई नहीं हिला सकता।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अन्न जल उठ जाना
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है