अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना
अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना मुहावरे का अर्थ – अपने मुंह अपनी प्रशंसा करना।
अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग –
- अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना अच्छी बात नहीं है।
- रघु तो सबके सामने अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनता रहता है।
- अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाने वालों पर कोई विश्वास नहीं करता।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है