अरमान निकालना
अरमान निकालना मुहावरे का अर्थ – अपनी इच्छाएँ पूरी कारना।
अरमान निकालना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग –
- अपने पुत्र की शादी में माँ ने अपने अरमान निकाले।
- अनेक वर्षों के बाद जब बेटा विदेश से वापस आया तो माता-पिता ने अपने अरमान निकाले।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
अरमान निकालना
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है