आँखों से काजल चुराना
आँखों से काजल चुराना मुहावरे का अर्थ – बहुत चालकी से कार्य करना।
आँखों से काजल चुराना मुहावरे का वाक्यों में अनेक प्रकार से प्रयोग होता है, जैसे – आँखों से काजल चुरा लेता है, आँखों से काजल चुरा लेते हैं आदि।
आँखों से काजल चुराना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग –
- राजू तो बहुत चालाक है वह तो बड़े-बड़ों की आँखों से काजल चुरा लेता है।
- आजकल किसी पर भी बिना सोचे-समझे विशवास नहीं करना चाहिए, आजकल लोग देखते-देखते आँखों से काजल चुरा लेते हैं।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आँखों से काजल चुराना
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
There are so many idioms here. Good to see these all together after so long. I will definetly use them in my daily life as well as kagajkalam: Write for Peace. Please give me do-follow link on it.