अपना ही राग अलापना
अपना ही राग अलापना मुहावरे का अर्थ है – केवल अपने फायदे की बात करना, किसी दूसरे की न सुनना।
अपना ही राग अलापना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग – 1. यहाँ सभी ये सोच रहें हैं कि इस मुसीबत से बाहर कैसे आया जाए और राम है कि अपना ही राग अलाप रहा है।
2. तुम हमेशा अपना ही राग अलापते रहते हो कभी दूसरों की भी सुन लेनी चाहिए।
3. हम लोग सोच रहे हैं कि सभी को फायदा कैसे हो और तुम हो कि अपना ही राग अलापने में लगे हो।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपना खाना, अपना कमाना
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है