आपे से बाहर होना
आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ है मुहावरे का अर्थ है – गुस्से पर काबू न होना।
आपे से बाहर होना मुहावरे का वाक्यों में सार्थक प्रयोग देखिए –
- जब राहुल को पता चला कि उसके बैग से मोहित ने चोरी की है, तो राहुल आपे से बाहर हो गया।
- जो लोग आपे से बाहर हो जाते हैं वो कभी भी मुसीबत में फस सकते हैं।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आपे से बाहर होना
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है