इधर-उधर लगाना
इधर-उधर लगाना मुहावरे का अर्थ है – चुगली करना।
इधर-उधर लगाना मुहावरे का वाक्य में सार्थक प्रयोग देखिए – दीपक का तो काम ही है इधर की उधर लगाना।
नोट – वाक्य में प्रयोग होते समय मुहावरा लिंग, वचन, कारक आदि के अनुसार अपना रूप बदल लेता है। मुहावरों के शब्दों के स्थान पर पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग के साथ एक ही मुहावरों के अनेक रूप भी प्रचलन में हैं।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इधर-उधर लगाना
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना
उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती
काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता
कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है