कंगाली में आटा गीला
कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ है – समस्या पर समस्या पड़ना।
कंगाली में आटा गीला मुहावरे का वाक्य में सार्थक प्रयोग देखिए – वह तो पहले ही गरीबी से जूझ रहा था और अब उसकी नौकरी भी छूट गई। बस क्या कहें कंगाली में आटा गीला।
नोट – वाक्य में प्रयोग होते समय मुहावरा लिंग, वचन, कारक आदि के अनुसार अपना रूप बदल लेता है। मुहावरों के शब्दों के स्थान पर पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग के साथ एक ही मुहावरों के अनेक रूप भी प्रचलन में हैं।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना