उबल पड़ना

उबल पड़ना मुहावरे का अर्थ है – गुस्सा हो जाना।

उबल पड़ना मुहावरे का वाक्य में सार्थक प्रयोग देखिए – राकेश की बातें सुनकर दिनेश उबल पड़ा।

नोट – वाक्य में प्रयोग होते समय मुहावरा लिंग, वचन, कारक आदि के अनुसार अपना रूप बदल लेता है। मुहावरों के शब्दों के स्थान पर पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग के साथ एक ही मुहावरों के अनेक रूप भी प्रचलन में हैं।

अँधा क्या चाहे दो आँखें

अँधा क्या जाने बसंत की बहार

अँधा बन जाना

अँधा बनाना

अंक देना

अंग-अंग ढीला करना

अंग छूना

अंग न लगना

अंग-अंग टूटना

अंग-अंग ढीला होना

अंग-अंग मुसकाना

अंगारे उगलना

अंगारे बरसना

अंगारे सिर पर धरना

अंगूठा चूमना

अंगूठा दिखाना

अंजर पंजर ढीला करना

अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे

अंत करना

अंत पाना

अंत बुरे का बुरा

अंत समय

अंतड़ियां टटोलना

अंतड़ियों में बल पड़ना

अंधा पीसे कुत्ता खाए

अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे

अंधाधुंध उड़ाना

अंधे की लकड़ी

अंधे के हाथ बटेर लगना

अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी

अंधेर मचाना

अंगुलियां उठाना

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता

अक्ल का दुश्मन

अक्ल का पुतला

अक्ल के घोड़े दौड़ाना

अक्ल के पीछे लठ लिए फिरना

अक्ल चकराना

अक्ल चरने जाना

अक्ल पर पत्थर पड़ना

अक्ल पर पर्दा पड़ना

अक्ल बड़ी की भैंस

अक्ल मारी जाना

अकड़ दिखाना

अखाडा ज़माना

अखाड़े में उतरना

अगर मगर करना

अचरा पसारना

अच्छे दिन देखना

आखाड़े से भागना

आग में घी डालना

अधजल गगरी छलकत जाय

अड्डा जमाना

अन्न जल उठ जाना

अपना उल्लू सीधा करना

अपना खाना, अपना कमाना

अपना घर दूर से सूझता है

अपना घर समझाना

अपना वही जो आवे काम

अपना सा मुंह लेकर रह जाना

अपना ही राग अलापना

अपनी कब्र आप खोदना

अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है

अपनी पगड़ी अपने हाथ

अपनी ही गाए जाना

अपनी ही पड़ी रहना

अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना

अपने पैरों पर खड़ा होना

अपने बल पर खड़े होना

अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना

अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे

अमर हो जाना

अरण्य रोदन

अरमान निकालना

अल खामोश नीम राज़ी

अस्सी आदम चौरासी का खर्च

अस्सी हज़ार फिरना

आँख चुराना

आँख तरसना

आँख दिखाना

आँख फेर लेना

आँख बिछाना

आँख मारना

आँखों का तारा

आँखों में गिरना

आँखों में धूल झोंकना

आँख आना

आँख उठाकर भी न देखना

आँख उठाना

आँख ऊँची होना

आँख ऊंची न होना

आँख का तिल खो जाना

आँख कान खोलकर चलना

आँख के अंधे, नाम नयनसुख

आँख खुल जाना

आँखें फाड़कर देखना

आँख ठंडी होना

आँख ठहरना

आँख तरसना

आँख न ठहरना

आँख तले न लाना

आँख न लगाना

आँख फोड़ना

आँख भर रोना

आँख भर आना

आँख मटकाना

आँख मुंदना

आँख मूंदना

आँख में शील न होना

आँख रखना

आँख से दूर, दिल से दूर

आँखें उठना

आँखें चढ़ना

ऑंखें चार होना

आँखें जमीन में लग जाना

आँखें दिखाना

आँखें निकालना

आँखें पथरा जाना

आँखें फटना

आँखें फेरना

आँखें बिछाना

आँखें बैठना

आँखों का पानी गिर जाना

आँखों की पट्टी खुलना

आँखों के सामने अँधेरा छा जाना

आँखों के सामने नाचना

आँखों पर पट्टी बाँधना

आँखों पर परदा पड़ना

आँखों में काँटा होना

आँखों में खटकना

आँखों में खून उतर आना

आँखों में चर्बी छा जाना

आँखों में चुभना

आँखों में जगह देना

आँखों में जगह मिलना

आँखों में पालना

आँखों में फिरना

आँखों में समा जाना

आँखों से काजल चुराना

आँखों में गिरना

आँच अधिक खा जाना

आँच न आने देना

आँसुओं की झड़ी लगना

आँसू पीकर रह जाना

आँसू पीना

आँसू पोछना

आँसू बहाना

आकाश के तारे तोड़ना

आकाश गंगा में नहाना

आकाश पाताल एक करना

आकाश में छेद करना

आकाश फट पड़ना

आकाश से बातें करना

आग दिखाना

आग पड़ना

आग पानी से गुजरना

आग बबूला होना

आग में इंधन डालना

आग में कूदना

आग में झोंक देना

आग में पानी डालना

आग लगना

आग लगने पर कुआँ खोदना

आग लगाकर तमाशा देखना

आग लगाकर पानी को दौड़ना

आग लगाना

आगा पीछा करना

आँट पड़ना

आँट रखना

आजकल के फेर में पड़ना

आजकल करना

आटे दाल का भाव मालूम होना

आटे के साथ घुन का भी पिस जाना

आठ अठाराह कर देना

आठों पहर शूली पर रहना

आड़े समय काम आना

आड़े हाथ लेना

आत्मा ठण्डी करना

आदमी बनना

आदमी बनाना

आदि अंत सोचना

आन निभाना

आना कानी करना

आप आप करना

आप बीती कहना

आप भला तो जग भला

आपस में गिरह पड़ना

आपा खोना

आपा न सम्भलना

आपे में आना

आपे में न रहना

आपे से बाहर होना

आब देना

आ बला गले लग

आम के आम गुठली के दाम

आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम

आए-आए करना

आयी को रोकना

आरती उतारना

आव देखना न ताव देखना

आव भगत करना

आव भगत में स्वाहा करना

आशाओं पर पानी फिरना

आसमान टूटना

आसमान दिखना

आसमान देखना

आसमान पर उड़ना

आसमान पर चढ़ाना

आसमान पर होना

आसमान सिर पर उठाना

आसमान से टक्कर खाना

आस्तीन का साँप

आस्तीन चढ़ना

आस्तीन में साँप पालना

आह करके रह जाना

आह भरना

इज्जत गवाना

इज्जत दो कोड़ी की रह जाना

इज्जत बिगाड़ना

इधर-उधर कर देना

इधर-उधर की हांकना

इधर-उधर देखन

इधर-उधर देखने लगना

इधर-उधर करना

इधर-उधर लगाना

इधर का न उधर

इधर की उधर लगाना

इने-गिने

इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना

ईंट की लेनी पत्थर की देनी

ईंट से ईंट बजाना

ईंट का घर मिट्टी कर देना

ईद का चाँद

ईश्वर को प्यारा होना

उखड़ जाना

उखड़ी बातें करना

उखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर

उखाड़ देना

उगल देना

उछल कर चलना

उठ जाना

उछल पड़ना

उड़ती खबर पाना

उड़ती चिड़िया पहचानना

उड़ा देना

उड़ा ले जाना

उड़ा लेना

उतर जाना

उतार चढाव देखन

उतारू होना

उतावला होना

उथल-पुथल होना

उथल-पुथल करना

उधेड़ डालना

उधेड़बुन में लगना

उन्नीस बीस का फर्क

उफ न करना

उबल पड़ना

उभार पर होना

उमंगें मिटना

उलझ पड़ना

उलझन में डालना

उलझन में पड़ना

उलट फेर होना

उल्टी गंगा बहना

उल्टी पट्टी पढ़ाना

उल्टी साँस लेना

उलटे पाँव जाना

उल्लू बनना

उल्लू बनाना

उल्लू बोलना

ऊँच-नीच का भेद न रखना

ऊँचा बोल बोलना

ऊँचा सुनना

ऊँची जगह पाना

ऊँची दुकान फीका पकवान

ऊँट किस करवट बैठता है

ऊँट के मुंह में जीरा

उधम मचाना

उपर पड़ना

उधो का लेना न माधो का देना

एड़ी चोटी का जोर लगाना

एक आनार सौ बीमार

एक आँख से देखना

एक ईंट के लिए महल गिराना

एक-एक रग जानना

एक और एक ग्यारह

एक का एक खाए जाना

एक की दस सुनाना

एक के तीन बनाना

एक चुप हज़ार हो हरावे

एक टक लगाना

एक टांग से फिरना

एक तो चोरी दूसरा सीनाजोरी

एक थैली के चट्टे बट्टे

एक न एक रोग लगे रहना

एक न चलना

एक न सुनना

एक पंथ दो काज

एक पर से सौ कौए बनाना

एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती

एक लकड़ी से सबको हांकना

एक सूत्र में बाँधना

एक हाथ से ताली नहीं बजती

एक ही साँचे में ढालना

एक हो जाना

एक होना

ऐंठ जाना

ऐंठ दिखाना

ऐंठ लेना

ऐसा-वैसा समझना

ऐसे जीने से तो मरना अच्छा

ओखली में सिर देना

ओर छोर न मिलना

ओले पड़ना

ओस चाटे प्यास नहीं जाती

औंधें मुंह गिरना

औकात पर आना

औकात पर रहना

औकात बसर होना

और का और हो जाना

कंघी चोटी से फुरसत न मिलना

कंगाली में आटा गीला

कंचन बरसना

कंजूस मक्खी चूस

कंटक निकलना

कंठस्थ करना

कन्धा डालना

कन्धा लगाना

कचूमर निकालना

कच्चा चिट्ठा खोलना

कच्चा दिल करना

कच्चा होना

कटे पर नमक छिडकना

कठपुतली बनना

कड़क कर बोलना

कढ़ाई से गिरा चूल्हे में पड़ा

कतराकर जाना

कदम बढ़ाना

कपड़े उतरना

कपाट खुलना

कपास तोलना

कब्र में पैर लटकाना

कमर कसना

कमर खोलना

कमर टूटना

कमर सीधी करना

कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती

कर सेवा पा मेवा

करते धरते न बनना

करनी ख़ाक की बातें लाख की

कर्म फूटना

करवट बदलना

कलई खुलना

कलई खोलना

कलम तोड़ना

कलेजा खाना

कलेजा छलनी होना

कलेजा ठण्डा होना

कलेजा तर होना

कलेजा थामकर रह जाना

कलेजा थामना

कलेजा निकालकर धर देना

कलेजा धक-धक होना

कलेजा पसीजना

कलेजा बढ़ना

कलेजा फटना

कलेजा मुंह में आना

कलेजा रखना

कलेजा मसलना

कलेजे पर हाथ रखना

कलेजे में छेद करना

कलेजे से लगाकर रखना

कलेजे का टुकड़ा

कलेजे से लगाना

कसर निकालना

कसौटी पर कसना

कहने से करना भला

कहा सुनी होना

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहीं का न छोड़ना

कहे से धोबी गधे पर नहीं चढ़ता

काँटा सा खटकना

काँटा बोना

काँटे से काँटा निकालना

काँटों पर पाँव रखना

काँटों पर लोटना

काँटों की शैया पर सोना

काँटों में हाथ पड़ना

कागज़ काले करना

कागज़ी घोड़े दौड़ाना

काट खाने दौड़ना

काटो तो बदन में खून नहीं

काठ की हाँडी आँच पर बार बार नहीं चढ़ती

कान काटना

कान के कीड़े मर जाना

कान खाना

कान खड़े होना

कान तक पहुँचना

कान देना

कान पकड़ना

कान पड़ा शब्द सुनाई न देना

कान पर जूं न रेंगना

कान भरना

कान में डाल देना

कान में पड़ना

कान में फूकना

काना फूसी करना

काने को काना कहना

कानों कान खबर न होना

कानों पर हाथ धरना

कानों में तेल डालना

काफूर होना

काबुल में क्या गधे नहीं होते

काम कर जाना

काम का ना काज का दुश्मन अनाज का

काम चलाऊ

काम निकालना

कायं-कायं लगाए रखना

काया पलट होना

काल चक्कर में पड़ना

काला अक्षर भैंस बराबर

कालिख लगना

किताबी कीड़ा

किनारा करना

किनारे लगना

किनारे लगाना

किनारे हो जाना

किया कराया बेकार होना

किस खेत की मूली

किस चिड़िया का नाम

किस्मत खुलना

किस्मत फूटना

किस्मत लड़ना

किसी गिनती में न होना

कुत्ते की मौत मरना

कुत्ता भी दुम हिलाकर बैठता है

कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी तब भी टेड़ी की टेड़ी

कुत्ते की नींद सोना

कुत्ते को देशी घी हजम नहीं होता

कुम्हार अपने घड़े को कच्चा नहीं कहता

कुलबुला उठाना

कूच करना

कूट-कूट कर भरना

कोख उजड़ना

कोख की आँच

कोयले की दलादी में हाथ काले

कोरा जवाब देना

कोरी-कोरी सुनाना

कोसों दूर भागना

कोल्हू का बैल

कौड़ियों के मोल लेना

कौआ चला हंस की चाल

कौवे बोलना

खटपट होना

खटाई में पड़ना

ख़बर लेना

ख्याली घोड़े दौड़ाना

ख्याली पुलाव पकाना

खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है

खलबली मचना

खाक उड़ाना

खाक छानना

खाक में मिलना

खाक में मिलाना

खाने को दौड़ना

खाल उधेड़ना

खिचड़ी पकाना

खिल उठना

खिलखिलाकर हँसना

खिसक जाना

खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे

खिलाये का नाम नहीं रुलाए का नाम

खिंचातानी में पड़ना

खुदा-खुदा करके

खुले आम

खुले दिल

खून उबलना

खून का प्यासा

खून की नदी बहाना

खून के घूँट पीना

खून भरी आँखों से देखना

खून सफेद होना

खून सूखना

खून से हाथ रंगना

खेल बिगाड़ना

खोकर सीखना

खोदा पहाड़ निकली चुहिया

खोपड़ी खाना

खोद-खोद कर पूछना

गंगा नहा लेना

गठरी मारना

गड़े मुर्दे उखाड़ना

गधे चराना

गधे को बाप बनाना

गधे पर चढ़ाना

गधों को हलवा खिलाना

गप्प मारना

गम खाना

गया गुजरा जानना

गया वक्त फिर हाथ नहीं आता

गरम होना

गर्दन उठाना

गर्दन उठाने का मौका न मिलना

गर्दन काटना

गर्दन झुकना

गर्दन पर छूरी फेरना

गरीब की हाए बुरी होती है

गरीबी में मुंह छिपाना

गला काटना

गला घोटना

गला फसाना

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