कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती मुहावरे का अर्थ है – सोच समझ कर कार्य करना चाहिए क्योंकि कुछ कार्यों में गलती को सुधारा नहीं जा सकता।
कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती मुहावरे का वाक्य में सार्थक प्रयोग देखिए – अब तो तुमने उसे अपशब्द बोल दिए अब कुछ नहीं हो सकता कमान से निकला तीर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती।
नोट – वाक्य में प्रयोग होते समय मुहावरा लिंग, वचन, कारक आदि के अनुसार अपना रूप बदल लेता है।
अंडे होंगे तो बच्चे बहुत होंगे
अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे
अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना
अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अभी तो तुम्हारे दूध के दांत भी नहीं टूटे
आम खाने से काम या पेड़ गिनने से काम
इस कान से सुनना उस कान से निकाल देना